3d printing complete tutorial part-4, selective laser sintering ( 3d printing method), concept,working,advantage ,dishadvantage and application of 3d printing
3D printing part-4 (SLS)
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Figure detail
:-
1-Laser 2-roller 3-scanning system
4-powder
delivery piston
5-fabrication
bed piston
6-
fabricated object
7-powder
delivery system
SLS की अवधारणा (Concept of SLS) :-
SLS
एक additive manufacturing तकनीक है ,जिसमें पदार्थ के पाउडर को उच्च पॉवर सोर्स
वाले laser की सहायता से परत दर परत जोडकर 3D सॉलिड उत्पाद तैयार किया जाता है |
selective laser sintering में high पॉवर सोर्स वाले laser जैसे कार्बोन डाई
ऑक्साइड वाले laser का उपयोग किया जाता है | इस laser के द्वारा उपयोग होने वाली
पदार्थ जैसे धातु ,सिरेमिक ,ग्लास , इत्यादि के पाउडर की sintering करके वांछित 3D
उत्पाद तैयार किया जाता है |
SLS
का पूर्ण रूप :- selective laser sintering
SLS का सिद्धांत (Principle of SLS) :-
इस प्रक्रम के अंतर्गत सर्वप्रथम
उत्पाद का मॉडल CAD सॉफ्टवेर में तैयार किया जाता है | फिर CAD Software में तैयार
मॉडल को selective laser sintering 3d प्रिंटर में प्रिंट होने के लिए भेजा जाता
है | उससे पहले CAD मॉडल को STL फाइल फॉर्मेट में बदला जाता है | फिर कंप्यूटर
control सिस्टम के अंतर्गत material के पाउडर की sintering करके वांछित उत्पाद की
परत बनायी जाती है | इसके बाद परत के उपर परत को तब तक जोड़ा जाता है जब तक की
वांछित उत्पाद प्राप्त न हो जाए |
SLS की क्रियाविधि (Working method of SLS) :-
इस विधि के अंतर्गत एक पाउडर डिलीवरी तथा
उत्पाद निर्माण सिस्टम होता है | इसमें सर्वप्रथम पाउडर डिलीवरी सिस्टम से पदार्थ
के पाउडर को पाउडर डिलीवरी पिस्टन की मदद से ऊपर की तरफ ले जाया जाता है ,जहाँ इस
पाउडर को एक रोलर के द्वारा उत्पाद निर्माण सिस्टम में भेजा जाता है | इसमें भी एक
फेब्रिकेशन पिस्टन होता है,जो नीचे की तरफ चलता है | उत्पाद निर्माण सिस्टम में
भेजे गये पाउडर पर उत्पाद की वांछित आकृति ट्रेस करके उसके ऊपर laser स्कैनर
सिस्टम के द्वारा laser से प्राप्त laser beam को डाला जाता है | जिससे वांछित
उत्पाद पर पड़ने वाली laser beam के द्वारा वहा का पाउडर पिघल कर उत्पाद का अकार
ग्रहण करता है | इसमें उत्पाद फेब्रिकेशन बेड पर परत दर परत बनता जाता है तथा बेड
क्रमशः फेब्रिकेशन पिस्टन की मदद से नीचे जाता रहता है | इस प्रकार वांछित उत्पाद
प्राप्त हो जाता है |
SLS प्रक्रम के लाभ (Advantage of SLS) :-
1-
इस विधि के द्वारा जटिल उत्पाद तैयार किये जा सकते है |
2-
इसमें पाउडर के द्वारा 3d model तैयार किये जा सकते है |
3-
इस प्रोसेस से बने उत्पाद की mechanical प्रॉपर्टीज की क्वालिटी
अच्छी होती है |
4-
यह प्रक्रम तीव्र होता है, जिससे समय की बचत होती है |
5-
यह विधि फिनिशिंग ऑपरेशन के लिए भी प्रयोग की जाती है |
6-
यह विधि पुर्णतः आटोमेटिक होती है |
7-
sintering powder bed पूरी तरह से सेल्फ सपोर्टिंग होता है |
SLS प्रक्रम के अलाभ (Disadvantage of SLS ) :-
1-इसमें
सतह छिद्रित बनती है |
2-laser
पॉवर सोर्स के उपयोग के कारण महंगा प्रक्रम है|
3-
मशीनरी की साइज़ बड़ी होती है |
4-घरेलु
उपयोग के लिए उपयुक्त नही होता है |
SLS के अनुप्रयोग (Application of SLS) :-
अधिकतर
कार्यो में SLS प्रक्रम उपयोग किया जाता है | परन्तु इसके कुछ महत्वपूर्ण
अनुप्रयोग निम्न है
1-प्रोटोटाइप
निर्माण में |
2-इलेक्ट्रॉनिक्स
हार्डवेयर में |
3-कास्टिंग
के लिए पैटर्न निर्माण में |
4-महत्वपूर्ण
मॉडल निर्माण में |
5-मिलिट्री
के क्षेत्र में |
6-मेडिकल
के क्षेत्र में |
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