Construction and working of Hydraulic jack [ Hydraulic and pneumatics chapter-5]
Hydraulic Jack
द्रविक जैक की कार्यप्रणाली भी द्रविक प्रेस की तरह ही होती है। द्रव चलित जैक एक पोर्टेबल मशीन है। जिसका प्रयोग साधारणतया चार पहिया वाहनों जैसे मोटर कार ट्रक में पहिया बदलने या मरम्मत करने के लिए उसे उठाने में किया जाता है।
हाइड्रोलिक जैक में दायीं ओर एक प्लंजर होता है। जिसे एक हत्थे की सहायता से ऊपर नीचे चलाया जाता है , जबकि दूसरी ओर एक रैम होता है। जिसके ऊपर उठाए जाने वाले भाग को टिकाने के लिए एक प्लेटफार्म होता है। रैम का क्षेत्रफल प्लंजर से अधिक होता है।
जब प्लंजर को ऊपर की ओर उठाया जाता है, तो उसके नीचे एक कक्ष B में आंशिक निर्वात उत्पन्न हो जाता है। फलस्वरूप वाल्व R खुलता है, और कक्ष A से कुछ द्रव कक्ष B में आ जाता है। जब प्लंजर नीचे की ओर लाया जाता है, तो वाल्व R बंद हो जाता है, और कक्ष B में द्रव दाब बढ़ जाता है। जिसके कारण वाल्व S के खुलने से अधिक दाब वाला द्रव कक्ष C में आता है। कक्ष C में द्रव दाब से रैम पर ऊपर की ओर बल लगने से रैम ऊपर उठ जाती है। फिर जब प्लंजर ऊपर उठेगा तो वाल्व S बंद हो जाएगा और वाल्व R खुल जाएगा। जिससे पहली वाली क्रिया होगी। इस प्रकार बार-बार हत्थे को ऊपर-नीचे फेरने से A में से द्रव B से होता हुआ कक्ष C में पहुंचता जाएगा, और प्लेटफॉर्म पर रखा भार ऊपर उठा लिया जाएगा। रैम की अधिकतम उठान किसी जैक में निश्चित होती है। कार्य समाप्त होने पर एक स्क्रू की सहायता से कक्ष C का A से सीधा संबंध कर दिया जाता है। जिससे C में से द्रव पुनः A में चला जाता है। जिससे रैम अपनी पूर्व अवस्था में आ जाता है।
यांत्रिक लाभ=m. A/a
जहाँ m=लीवर का विस्थापन/प्लंजर का विस्थापन
इस जैक की दक्षता 0.66 से 0.93 तक होता है।हाइड्रॉलिक से संबंधित अन्य बिंदुओं के लिए क्लिक करें..👇
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